Route 9 million bags in containers ranging from 90 to 17 days away no idea .....
जोधपुर. 90 कंटेनरों से लदी ट्रेन 17 दिन से लापता है। हर कंटेनर में 10 लाख का सामान है। यानी कुल नौ करोड़ रुपए का मटेरियल है, जिसे एक्सपोर्ट किया जाना था। जोधपुर से 27 जुलाई को यह ट्रेन मुंद्रा पोर्ट के लिए चली थी। तीन दिन में पहुंचना था, लेकिन अभी तक उसका कोई अता-पता नहीं है। दो अगस्त से ऑनलाइन स्टेटस बता रहा है कि ट्रेन अहमदाबाद में है। लेकिन वहां वह है ही नहीं। एक्सपोर्टर्स के शोर मचाने पर रेलवे लापता ट्रेन को ढूंढने में लगा है।
जोधपुर के एक्सपोर्टर रंजन कंसारा ने 14 जुलाई को कंटेनर बुक किया था। इसे 27 जुलाई की ट्रेन से रवाना किया गया। 30 जुलाई तक कंटेनर नहीं पहुंचा तो एक्टिव हुए। पता चला कि ट्रेन पोर्ट तक पहुंची ही नहीं है। उन्होंने ही कॉनकोर डिपो में शिकायत की। वहां पता चला कि दस दिन से ट्रेन का स्टेटस अहमदाबाद ही दिखा रहा है। पता किया तो ट्रेन वहां भी नहीं थी।
डिपो के सीएमडी को लिखित शिकायत के बाद ट्रेन को ढूंढने का काम शुरू हुआ। जोधपुर स्थित कॉनकोर के टर्मिनल मैनेजर पारस गोयल का कहना है कि बारिश की वजह से ट्रेन लेट हुई है। ट्रेन का पता लगाने के लिए एक कर्मचारी को भेजा है। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि जोधपुर से पांच अगस्त को कंटेनरों के साथ जो ट्रेन रवाना हुई थी, वह मुंद्रा पोर्ट पर पहुंच चुकी है।
ट्रेन कौन चला रहा था, कॉनकोर को नहीं पता
मालगाड़ी के ड्राइवर 12 घंटे में बदल जाते हैं। लापता हुई ट्रेन को जोधपुर से ले जाने वाले ड्राइवर भी लौट आए हैं। उन्होंने दूसरे ज़ोन के ड्राइवरों के हवाले ट्रेन की थी, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। कॉनकोर प्रबंधन के पास दूसरे जोन के ड्राइवरों के नंबर तक नहीं हैं।
REFRENCES=BHASKAR.COM
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